जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
पुस्तकें
हिंदी की प्राचीन और प्रसिद्ध पुस्तकें

पुस्तके हमारी सच्ची मित्र होती है। एक बार आपका कोई दोस्त, आपका साथ छोड़ सकता है, पर पुस्तके कभी हमारा साथ नहीँ छोड़ती है। दुख में सुख में हंसी-खुशी सभी मे पुस्तकें एक सच्चे मित्र बनकर हमारा साथ निभाती है।

पुस्तकें ज्ञान प्रदान करती है, हमेशा अच्छी बातें ही सिखाती है। पुस्तकें हमारा मार्गदर्शन करती है। जब भी हम हमारा रास्ता भटकते है, तो ये हमें रास्ता दिखाती है। पुराने मंदिर, पुराना इतिहास सभी नष्ट हो जाता है पर पुस्तकें हमेशा जीवित रहती है।

पुस्तके हमारे जीवन मे बहुत महत्व रखती है। ये हमें एक अच्छा इंसान तो बनाती है, साथ ही साथ अच्छे सँस्कार भी प्रदान करती है। हम इसी के ज्ञान से अच्छे बुरे की पहचान करना जानते है। इसलिए पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है।

किताबे ना केवल सूचना और ज्ञान का भंडार है, बल्कि हमारे चिंतन और मानसिक विस्तार में तथा हमे एक सभ्य ओर संस्कारी मनुष्य बनाने में एक बहुत बड़ा योगदान प्रदान करते है। वैसे कई महान लोगो ने पुस्तक पर अपने बहुत ही अच्छे विचार प्रकट किये है। जिनमे से कुछ के विचार इस प्रकार है।

(1) “किताबो जैसा वफ़ादार कोई दोस्त नहीं।” – अर्नेस्ट हेमिंग्वे
(2) “किताबें आदमी को यह अहसास दिलाती हैं कि जिन्हें वह अपना मूल विचार समझता है वह कोई नया नहीं है।” – अब्राहम लिंकन
(3) “अच्छी पुस्तकें जीवंत देव प्रतिमाएं हैं। उनकी आराधना से तत्काल प्रकाश और उल्लास मिलता है।” – पंडित श्रीराम शर्मा ‘आचार्य
(4) “जब कभी आप कोई अच्छी पुस्तक पढ़ते है, तो दुनिया में कहीं एक नया दरवाजा खुलता है और कुछ अधिक रोशनी अंदर आती है।” – वेरा नज़ैरियन
(5) “जो कोई भी यह कहता है कि जीने के लिए बस एक ही जिंदगी है, वह जरूर किताब पढ़ना नहीं जानता होगा।” – अज्ञात
(6) “किताबों के बिना कमरा जैसे बिना आत्मा का शरीर।” – सिसरो
(7) “कई सारे छोटे-छोटे तरीके हैं जिनसे आप अपने बच्चे की दुनिया विस्तारित कर सकते हैं। उनमें सबसे अच्छा है किताबों से लगाव पैदा करना।” – जैकलीन कैनेडी ओनासिस
(8) “आप खुशियां नहीं खरीद सकते, लेकिन किताब खरीद सकते हैं जो आपको खुशियां ही देगी।” – अज्ञात
(9) “हमारे बचपन में पूरे आनंद के साथ बीता शायद ही ऐसा कोई दिन हो जो किताबों के साथ न गुजरा हो।” – मार्सल प्रूस्त
(10) “याद रखिए: एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक शिक्षक दुनिया बदल सकते हैं।” – मलाला युसफजई

पुस्तक पर लिखे कथन हमे ये सिखाते है कि पुस्तक ही हमारी सच्ची मित्र है जो हमेशा हमारा साथ निभाती है। पुस्तक का साथ हमें कभी नही छोड़ना चाहिए, क्योंकि ये हमेशा कुछ अच्छा ही सिखाएंगी ओर हमारा भला ही चाहेंगी। इसलिए इसका हाथ प्रत्येक परिस्थिति में पकड़ के रखिये। क्योंकि अनमोल रत्न कभी खोना नही चाहिए, इसको हमेशा सम्भालके रखने में ही हमारी भलाई है।

आप इन पुस्तकों को देखकर यह अंदाजा लगा सकते है कि पुस्तकों ने हमारे जीवन मे एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। इसकी आवश्यकता शिक्षा से लेकर धर्म और धर्म से लेकर हमारे कर्म तक है। प्रत्येक स्तर की पुस्तकें है, जो हमारे जीवन मे अतिमहत्वपूर्ण है और हमारे जीवन की घनिष्ठ मित्र भी है। जिसने सुख – दुख जैसी सभी तरह की परिस्थिति में हमारा साथ निभाया है, जहां हमारे अपने साथ नहीँ निभाते, वही ये पुस्तकें बिना कुछ कहे प्रत्येक स्थिति में हमारा साथ निभाती है। इसी को तो कहते है एक सच्चा मित्र। जिसने इन पुस्तकों को अपना मित्र बनाया है, वो जीवन मे कभी भी अपने आप को अकेला समझ ही नही सकता। और पुस्तको से प्राप्त किये हुए ज्ञान को ना कोई चुरा सकता है, ना ये ज्ञान कहि जा सकता है। जितना आप पुस्तको का अध्य्यन करते है उतना ही आपके ज्ञान का कोष बढ़ता ही जाता है।