जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
आलसी शिष्य (Aalsi Shishy Kahani)

एक महात्मा जी थे उनके पास एक शिष्य रहा करता था | महात्मा जी ने उससे कहा बच्चा जरा झाड़ू लगा दे | वह बोला महाराज किसी और से कह दीजिये । महात्मा जी ने स्वयं की झाड़ू लगा दिया । फिर उन्होंने उससे कहा बच्चा जरा पानी भर लो । वह बोला किसी और से कह दीजिये । महात्मा जी ने पानी भर लिया । फिर बोले बच्चा जरा जंगल से लकड़ियां बीन लाओ | वह बोला किसी और से कह दीजिये । महात्मा जी लकड़ी भी ले आये | फिर बोले बच्चा जरा चूल्हा तो जला उसने वही पुराना जवाव दिया, फिर महात्मा जी ने चूल्हा जलाया आटा माड़के रोटी भी पका ली फिर बोले बच्चा रोटी खा ले वह बड़े तापक से उठा और बोला - महाराज जी ! मैंने आपकी बहुत सी अज्ञाओं को नहीं माना अब इसे जरूर मानूँगा और उसने रोटी खा ली |

स्वामी जी महाराज ने हॅसते हुए कहा - कि ऐसे ऐसे भी आज्ञाकारी भक्त महात्माओं के पास पड़े रहते हैं |