शादी के 7 साल बीतने के बाद भी पति पत्नी में काफी झगड़े होते रहते थे। झगड़ों की वजह तो अलग अलग होती थी लेकिन उनमें सबसे मुख्य वजह यह थी कि पति और पत्नी के विचार कभी आपस में नहीं मिलते थे।
जहां पति स्वभाव से नेक, सेवाभावी और सबके प्रति समभाव रखनेवाला था वही पत्नी का स्वभाव स्वार्थी और भेदभाव करने वाला था। पति पत्नी के स्वभाव और उसके व्यवहार से तंग आ गया था। वह हमेशा कोशिश करता रहता है कि पत्नी का आचरण और स्वभाव में किसी तरह बदलाव आए।
पत्नी अपने ससुराल साइड के रिश्तेदारों के साथ कभी सीधे मुंह बात ना करती। कई लोग उसके खराब व्यवहार के कारण नाराज हो जाते लेकिन पत्नी उसकी भी परवाह नहीं करती।
पति को इस बात से काफी दुःख होता की उसकी पत्नी उससे इतनी विपरीत क्यों है! परेशान हो चुके पति ने अब खुद ही परिस्थिति को सुधारने का मन बनाया और एक प्लान बनाया।
अगले दिन पति ने पत्नी से कहां," सुनो कम्मो, मैं सोच रहा था की मम्मी पापा मम्मी,बहन,भाई और उनके बच्चो को घर पर इनवाइट कर लेता हु। काफी समय हो गया उनसे मिले हुए। इसी बहाने उसने मिल भी लेंगे और उनके साथ थोड़ा समय बिताने के लिए भी मिल जायेगा। तुम कया कहती हो?"
पत्नी के चेहरे से साफ दिख रहा था की इसे ये आईडिया पसंद नही आया लेकिन उसने पति का मन रखने के लिए बेमन से हा कह दिया।पति खुश हो गया और पत्नी को अगले दिन अच्छा खाना बनाने के लिए बोलकर सभी को फोन करके बड़े प्यार से अपने घर आने के लिए न्योता देने लगा। जब पति फोन पर बीजी था तो पत्नी सोच रही थी," ये आदमी भी न अपने फालतू के कामों से बाज नही आयेगा। क्या जरूरत है सबको घर पर बुलाने की? सब मेरे घर आयेंगे और राजाओं की तरह ऑर्डर करेंगे और मैं दासी की तरह उनकी सेवा करूंगी! नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। अच्छा खाना तो क्या मैं इन्हें सादा खाना भी नसीब नही होने दूंगी! देखती हूं कितनी देर टिकते है ये लोग मेरे घर!"
अगले दिन सुबह पति काफी खुश था। जब सिर्फ दो ही घंटे बचे थे सभी मेहमानों का आने के लिए। पति ने अपनी पत्नी से पूछा,"अच्छा बताओ तो सही आज सबको खाने में क्या स्पेशल खिलाने वाली हो?"
पत्नी मुंह बनाते हुए बोली,"स्पेशल खाना क्यों? तुम्हारे मां बाप भाई बहन कोई मेहमान थोड़ी है उनके लिए कोई स्पेशल खाना नहीं बनाया है मैंने। वह भी वही खाएंगे जो हम खाते हैं। आज घर में सिर्फ दाल चावल बना है क्योंकि और कुछ बनाने के लिए सामान नहीं था।"
पत्नी के बाद सुनकर पति गुस्सा हो गया और बोला,"तुम कभी नहीं सुधरोगी! अगर घर में सामान नहीं था तो मुझे एक बार बता दिया होता। मैं बाजार से जाकर ले आता लेकिन कुछ ढंग का तो खाना बना लेती। अब सिर्फ एक घंटा बचा है और सभी आने वाले हैं। मैं क्या मुंह दिखाऊंगा उनको? तुम ही रहो यहां मैं तो जा रहा हूं। उनके जाने के बाद ही वापस आऊंग।" कहकर पति घर के बाहर चला गया।
पत्नी को तब तक पति के बातों का कुछ फर्क नहीं पड़ा था जब तक मेहमान घर पर नहीं आ गए। और जैसे ही सब मेहमान घर पर आए तो पत्नी के होश उड़ गए क्योंकि भाई ,बहन मां बाप और बच्चे वह उसके पति के सैदवाले नहीं बल्कि खुद उसी के थे। यानी कि पति ने अपने मां बाप को नहीं अपने ससुराल वालों को खाने पर इनवाइट किया था।
पत्नी अब काफी परेशान हो गई क्योंकि अपने ससुराल वालों को परेशान करने के लिए ना सिर्फ उसने सादा खाना बनाया था बल्कि खाने में ज्यादा नमक और मिर्च भी डाल कर रखा था। अपने माइक्रो वालों को सामने देखकर पत्नी हाथ मलने लगी। थोड़ा सोचने के बाद पत्नी ने अपने पति को फोन मिलाया और कहा,"तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कि मेरे मम्मी पापा और भाई बहन आने वाले हैं। तुम पहले बता देते तो मैं अच्छा खाना उनके लिए बनाती।"
पति ने कहा," मैंने वही बताया जो मैं मानता हूं। मैंने कभी तुम्हारे परिवार वालों को पराया नहीं समझा और तुमने कभी मेरे परिवार वालों को अपना नहीं माना। और मैं जानता हूं कि तुमने यह सोच कर कि मेरे मम्मी पापा और भाई-बहन आने वाले हैं, जानबूझकर घटिया खाना बनाया अब तुमने जो किया है उसे तुम खुद ही भुगतो। मुझे पता है तुमने मुझे इसलिए फोन किया होगा ताकि बहार से खाना मंगवा सको। लेकिन मै ऐसा नहीं करूंगा ताकि तुम्हे तुम्हारे किए की सजा मिल सके "
इतना कहकर पति ने फोन कट कर दिया।
ना चाहते हुए भी पत्नी को अपने मायके वालों को वही खाना खिलाना पड़ा। उसके रिश्तेदार ज्यादा मिर्च और नमक वाला खाना भी ऐसा सोचकर खा गए की बेटी से गलती हो गई होगी लेकिन बाद में जब दामाद ने सारी बात उन्हे बताई तब उन्हे बहुत शर्मिंदगी हुई और अभी उसके बुरा बर्ताव के लिए उसे डांटकर उससे नाराज होकर चले गए।
दोस्तों,अच्छे रिश्ते बनाए जाते है प्यार और अच्छे व्यवहार से सिर्फ खून के रिश्ते अच्छे नही होते। |