जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
साप्ताहिक सत्संग (Saptahik Satsang Kahani)

Weekly Satsang

इतवार, वृहस्पतिवार अथवा मंगलवार के दिन सत्संग या जब सत्संग के लिये इकट्ठा हो तो प्रारम्भ में प्रार्थनायें विरह चेतावनी की करें । किसी भी महापुरुष की वाणी पढ़े किन्त भाव से पाठ होना चाहिये । एकाग्रचित्त होकर प्रार्थना करने से कर्मों की सफाई होती है और साधना में तरक्की होती है । इसके बाद थोड़ी देर के लिये ध्यान और भजन करें | ध्यान कहते हैं देखने को, भजन कहते हैं सुनने को जैसा कि नामदान का वक्त बताया गया है । ध्यान भजन के बाद कोई एक आदमी. किसी महापुरुष का सत्संग पढ़कर सुनाये । फिर एक दो प्रार्थना बोलकर या आरती करके उस मालिक के नाम की धुनि बोलकर के सत्संग समाप्त कर देना चाहिए । अन्त में जयगुरूदेव की ध्वनि हो । अन्त में यदि किसी को नाम, रूप आदि में भूल हो गई हो तो
अपने साथियों से पूछ लें । कोई सूचना हो तो बता दें । स्वामी जी के आदेशानुसार इसी प्रकार सत्संग कार्यक्रम सत्संगी बनावें |