जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
सुराही के ऊपर कटोरी (Surahi Ke Uper Katore)

एक सुराही के ऊपर एक कटोरी औंधी पड़ी थी । और दूसरे गिलास कटोरियां आती तो सुराही सबको लवालव भर देती । लेकिन जो कटोरी उसके पास पड़ी रहती थी उसको एक बूंद भी पानी नहीं मिल पाता । एक दिन उस कटोरी ने सुराही से पूछा कि तुम्हारे पास और जितने आते है। सबको तो भर देती है लेकिन मुझे एक बूंद भी न दिया । सुराही ने हंसकर कहा कि अरे कटोरी और जो आते हैं मेरे नीचे बैठकर अपना मुँह खोल देते हैं । मैं उनको भर देती हूँ । तू कभी मेरे नीचे नहीं बेठी हमेशा मेरे शिर पर सवार रहती है तो मै तुम को कैसे भर दूं।

इस कहानी को सुनाते हुए स्वामी जी महाराज ने कहा कि जो लोग महापुरुष के पास आकर नीचे बैठ जाते हैं, कदमों में । उनको महापुरुष सब कुछ दे देते हैं, लेकिन जो उनके सिर पर सवार रहते हैं वे एकदम खाली चले जाते है और वह अपना लोक-परलोक दोनों ही खत्म कर देते हैं |

स्वामी जी ने बहुत पहले ही कहा था कि बछड़ा आता है गाय का दूध पीकर मस्त होकर फिर घूमने चल देता है गाय भी रस्भा कर अपना तबज्जों देकर उसको अपना प्यार दे देती हैं लेकिन गाय के थन से लगी हुई किलनी खून चूसती रहती है ।