ऐ मेरे सतगुरु आ के मिल जा मुझे,
हम अनाथों का कोई सहारा नहीं।।
जो तुम ना सुनोगे तो किसको सुनाऊं,
यह जख्मी जिगर को किसे मैं दिखाऊं ।
या तो मिल जा मुझे या बुला ले मुझे,
याद तेरी सताती बड़ी है मुझे।।
याद आता है वो मुस्कुराना तेरा,
देख कर के वो पलकें झुकाना तेरा।
देख ले जो तू आ करके बस एक नजर,
मेरा जीवन यह पल में संवर जाएगा।।
बहुत दौड़ते थे हम तेरे साथ में,
जान पाए तुम्हें हम बहुत बाद में।
अब ना जाना कहीं छोड़कर के मुझे,
वरना यह दाना दाना बिखर जाएगा ।।
डराते थे जब वे दिखाकर छड़ी,
क्यों बीती वह ऐसी मुबारक घड़ी।
देखो दाता मेरे मैं वहीं पर खड़ी,
अब लगा दो वह अपनी प्रेम झड़ी।।
लगी दर्शन की है प्यास बड़ी....
तेरा रंग मुझ पर यूं ऐसा चढ़ा,
कोई और रंग अब ना चढ़े।
मेरा प्रेम तुझसे यूं ही बड़े।।
ऐ मेरे सतगुरु आ के मिल जा मुझे।
हम अनाथों का कोई सहारा नहीं।।
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