जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

आओ रे लोगों सन्त शरण में, काम यही एक आएगा।

Aao Re Logon Sant Sharan Me Kam Yahi Ek Aayega

आओ रे लोगों सन्त शरण में, काम यही एक आएगा।
ये नर तन अनमोल मिला है, बार बार नहीं पाएगा।।

मात गर्भ में उल्टा लटका, नो महीने दुख पाया था।
सुमरूँगा मैं नाम तुम्हारा, ये कह बाहर आया था।।
आते ही तू भूल गया, वहां क्या कह कर के आया था।
यम की अदालत में तू पगले, कौन सा मुँह दिखलायेगा-
ये नर तन अनमोल मिला बार बार नहीं पाएगा।।

ऊँचे ऊँचे महल बनाये, तूने सुख से रहने को।
जोड़ जोड़ भर लिया खजाना, अपना अपना कहने को।।
ना जाने कब यम परवाना, आ जायेगा लेने को।
न जाएगी माया संग में, सब कुछ यही रह जायेगा-
ये नर तन अनमोल मिला, बार बार नहीं पाएगा।।

सोच समझ ले रे मन मूरख, जो हरि दर्शन पाना है।
नाम सनातन गुरु से ले ले, आवागमन मिटाना है।।
कहत कबीरा कल क्या होगा, ये न किसी ने जाना है।
जब उड़ जाए जीवन पंछी कौन तुझे समझाएगा
ये नर तन अनमोल मिला, बार बार नहीं पाएगा।।
 
आओ रे लोगों सन्त शरण में, काम यही एक आएगा। (Aao Re Logon Sant Sharan Me Kam Yahi Ek Aayega)