बदली हिन्दुस्तान तो बदलि जाई दुनियां ।
ना कोई अधर्मी होगा, नाही व्यभिचारी ।
होय जाई सफाई, नाहीं रहिहैं अत्याचारी ।
देशवा मा होई, सदाचार कै उत्थान हो ।।
बदलि जाई दुनियां...
छोटे बड़े लोग, जितने पद अधिकारी ।
मान्स मछली अंडा छोड़ि, होंगे शाकाहारी ।
अंडा मछली मान्स कै, रहि जईहैं न दुकान हो ।।
बदलि जाई दुनियां...
कोई न शराब पिये, गांजा न अफिमियां ।
कौनौ न नशीली चीज कै, रहिहैं दुकनियां ।
साधु सन्त न पीहैं, न पिवइहैं गांजा भांग हो ।।
बदलि जाई दुनियां...
दया धर्म मानव धर्म, धर्म सबका होई ।
गाय पशु पक्षी का, न बध करी कोई ।
ऐसा होगा राज तब, होय जाई कल्याण हो ।।
बदलि जाई दुनियां...
राष्ट्र भाषा हिन्दी होगी, संस्कृत सबहिं बोली ।
क्षेत्रीय भाषाएं होंगी, हिन्दी की सहेली ।
हिन्दी और संस्कृत मा, बनि जईहैं विधान हो ।
बदलि जाई दुनियां...
कोई न आन्दोलन होगा, न हड़ताल कोई होई ।
राष्ट्र की सम्पत्ति अपनी, माने सब कोई ।
राष्ट्र भक्ति जागी, होगा देश ये महान हो ।।
बदलि जाई दुनियां...
मान्स मछली अण्डा दारु, यदि न छोड़वा भाई ।
देशवा विदेशवा में, होई जाई लड़ाई।
मान्स खोर मरिहैं? हिन्दू मुस्लिम और इसाई हा े ।
बदलि जाई दुनियां...
इसके बाद धर्म का, पताका फहराई ।
दया धर्म सत्य धर्म, माने सब कोई ।
सबही एक दूसरे के, आवे लागी काम हो ।
बदलि जाई दुनियां...
बदली हिन्दुस्तान तो बदलि जाई दुनियां ।
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