परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी
भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें
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भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा,
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Bhakti Karte Chute Mere Pan Guru Ji Yahi Mangu Sada
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भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा,
रहे जनम जनम तेरा ध्यान गुरु जी यही मांगू सदा ।।१।।
तेरी भक्ति मे खुद को मिटाता चलूं,
तेरी महिमा निरंतर सुनाता चलूँ ।
तेरा गाऊँ सदा गुणगान गुरु जी यही मांगू सदा ।
भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा ।।२।।
तेरा मुखड़ा निरंतर निहारा करुँ,
तेरी मूरत को अन्तर मै धारा करुँ ।
देना आकर के दर्शन दान गुरु जी यही मांगू सदा ।।
भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा ।।३।।
मेरी आशा निराशा करना नही
मेरे अवगुण को चित्त मै धरना नही ।
मेरे मेटो भरम अज्ञान गुरु जी यही मांगू सदा ।।
भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा ।।४।।
मेरे पाप और ताप मिटा देना,
मुझको चरणों का सेवक बना लेना।
छूटे काम क्रोध मद मान,
गुरुजी यही मांगू सदा।।
भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा ।।४।।
काल माया के झूला मे झूलूँ नही
निश दिन तेरे चरणों को भूलूँ नही ।
दाता देना यही वरदान गुरु जी यही माँगू सदा ।।
भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा ।
रहे जनम जन्म तेरा ध्यान गुरु जी यही माँगू सदा ।।५।।
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भक्ति करते छूटें मेरे प्राण गुरु जी यही माँगू सदा, (Bhakti Karte Chute Mere Pan Guru Ji Yahi Mangu Sada)
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