जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

मन तू भजन नहीं यदि करि हौं

Man Tu Bhajan Nahi Yadi Kari Hon

मन तू भजन नहीं यदि करि हौं ।

तो बिन रक्षक भवसागर में,

डूबि डूबि के मरिहौ ।। 1 ।।

बहु दुख भोगि मनुज तन पायो,

फिर चौरासी फिरिहौ ।। 2 ।।

कुछ बन गया पाप यदि तन से,

नरक कुण्ड में परिहौ ।। 3 ।।

यम के दूत वहां दुख देहैं,

बरबस जरिहौ मरिहौ ।। 4 ।।

दारा सुत हित काम न अइहैं,

माय बाप गोहरइहौ ।। 5 ।।

दारूण दुख आगे बहु प्यारे,

भवसागर कस तरिहौ ।। 5 ।।

रक्षक कौन तुम्हारा होगा,

गुरु का पन्थ न धरिहौ ।। 6 ।।

अब तक खोज किया नहिं सतगुरु,

फिर पीछे पछतइहौ ।। 7 ।।

जयगुरुदेव कहें फिर दुख में,

किनकी ओर निहरिहौ ।। 8 ।।
 
मन तू भजन नहीं यदि करि हौं (Man Tu Bhajan Nahi Yadi Kari Hon)