मेरे प्यारे गुरु दातार, मंगता द्वारे खड़ा ।
मैं रहा पुकार पुकार, मेहर कर देखो जरा ।। 1 ।।
मोहिं दीजे भक्ति दान, काल दुःख बहुत दिया ।। 2 ।।
मेरे तड़प उठी हिय माहिं, दरस को तरस रहा ।। 3 ।।
बरसाओ घटा अपार, प्रेम रंग दीजै बहा ।। 4 ।।
सुरति भीजै अमीय रस धार, तन मन होवे हरा ।। 5 ।।
मेरा जीवन सफल होई जाय, तुम गुन गाऊं सदा ।। 6 ।।
मै नीच अधम नाकार, तुम्हरे द्वारे पड़ा ।। 7 ।।
मेरी बिनती सुनो धर प्यार, घट उमगाओ दया ।। 8 ।।
स्वामी जी पिता हमार, जल्दी पार किया ।। 9 ।।
जयगुरुदेव स्वामी पिता हमार, जल्दी पार करो ।। 10 ।।
मेरे प्यारे गुरु दातार, मंगता द्वारे खड़ा ।
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