जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

उड़ जा रे पंछी, ये अपना देश नहीं बेगाना।

Ud Ja Re Panchi Ye Desh Nahi Begana

उड़ जा रे पंछी, ये अपना देश नहीं बेगाना।

इत उत सदा घूमता डोला, करता मेरा तेरा।

बहुत डार पर किया बसेरा, बीते शाम सवेरा।

शांति न तिल भर अब लौं पाये, लगा न ठीक ठिकाना।

समझ रहा है जिसको अपने होंगे वही पराये।

तुझसे सगरे घृणा करेंगे, पास न कोई आये।

तन घन शक्ति हीन परबस कर, मीज मीज पछताना।

जिस नगरी में करे बसेरा, तेरी नहीं पराई।

इसका मालिक एक दिन तुमको, सोटन मार भगाई।

उस दिन रक्षक कोई न होगा, फिर रो रो यह कहना।

कृपा किया गुरुदेव ने तुम पर, दे दिया राह रकाना।

अब भी चेतो चढ़ो अधर में सच्चा जहाँ ठिकाना।

जयगुरुदेव वचन मानो अब नहिं पीछे पछताना।

देख सामने स्वेत बिन्दु में सतगुरु दियो निशाना।

वही राह है प्रभु मिलन की पंख बिना उड़ जाना।

निश्चय एक दिन पहुंच आयेगा अपने घर सच माना।