जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

तू है रहम का सागर,तेरी हर बात है निराली

too hai raham ka sagar,tere har bat hai niraale

तू है रहम का सागर,तेरी हर बात है निराली!

हम पर कृपा तू रखना,कहीँ रह ना जाऊँ खाली!!

अपने शरण मेँ लाकर तूने कृपा जो की है!

बङे भाग्य थे हमारे जो यह दौलत हमको दी है!!

कभी भूल न पाऊ तुमको यह अर्ज है हमारी..!

हम पर कृपा तू रखना..!! तू है रहम का सागर,तेरी हर बात है निराली!!

सत्संग मेँ बुलाकर हमे र्दशन देते रहना,

नाम और दया की बरसा भी करते रहना,

बादशाह से ही अपने मांगा करता है भिखारी!

हम पर कृपा तू रखना…!! तू है रहम का सागर,तेरी हर बात है निराली!!

तेरी साया मेँ गुरुवर अहसास यह हुआ है,

तू उस धाम का वासी हमेँ लेने को आया है,

ले चलो अब मालिक भक्तोँ को बारी-बारी!

हम पर कृपा तू रखना..!! तू है रहम का सागर,तेरी हर बात है निराली!!