संत रविदास जी महाराज का इतिहास
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संत रविदास जी महाराज बहुत ही दयालु और दानवीर थे। रविदास जी महाराज के करीब 40 पद सिख धर्म (Sikh Religion) के पवित्र धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) में भी सम्मिलित किए गए हैं। बताया जाता है कि स्वामी रामानंदाचार्य वैष्णव भक्ति धारा के महान संत हैं, वह रविदास जी महाराज के शिष्य थे। रविदास जी महाराज को संत कबीर का गुरभाई भी माना जाता है। कबीर दास जी द्वारा खुद रविदास जी महाराज को संतन में रविदास कहकर मान्यता दी गई है। राजस्थान की मशहूर कृष्ण भक्त मीरा बाई भी, उनकी शिष्य रह चुकी है। |
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कहा जाता है कि चित्तौड़गढ़ के राणा सांगा (Rana Sanga) की पत्नी झाली रानी भी उनके शिष्य रह चुकी है। चित्तौड़गढ़ में संत रविदास जी महाराज की छतरी भी बनी हुई है कहा जाता है कि मैं चित्तौड़गढ़ (Chittaurgarh) में ही स्वर्ग रोहन कर गए थे। इसका कोई आधिकारिक विवरण नहीं है लेकिन ऐसा कहा जाता है कि वाराणसी में 1540 ईसवी में उन्होंने अपना देह छोड़ दिया था। वाराणसी(Varanasi) में संत रविदास जी महाराज का एक भव्य मंदिर और मठ है जहां हर जाति के लोग दर्शन करने जाते हैं वही वाराणसी में श्री गुरु रविदास जी महाराज पार्क भी है जो उनकी याद में बनाया गया था। |
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History of Sant Ravidas Ji Maharaj
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Saint Ravidas Ji Maharaj was very kind and charitable. About 40 verses of Ravidas Ji Maharaj have also been included in Guru Granth Sahib, the holy book of Sikhism. It is said that Swami Ramanandacharya is a great saint of Vaishnav Bhakti stream, he was a disciple of Ravidas Ji Maharaj. Ravidas Ji Maharaj is also considered the Gurubhai of Saint Kabir. Kabir Das ji himself has recognized Ravidas ji Maharaj by calling him Ravidas in his children. Meera Bai, a famous Krishna devotee of Rajasthan, has also been his disciple. |
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It is said that Jhali Rani, wife of Rana Sanga of Chittorgarh, had also been his disciple. There is also an umbrella of Saint Ravidas Ji Maharaj in Chittorgarh. It is said that he ascended to heaven in Chittorgarh itself. There is no official explanation but it is said that he left his body in Varanasi in 1540 AD. There is a grand temple and monastery of Saint Ravidas Ji Maharaj in Varanasi where people of every caste go to visit. There is also Shri Guru Ravidas Ji Maharaj Park in Varanasi which was built in his memory. |
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