संत रविदास जी महाराज के अनमोल वचन
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1) इंसान छोटा या बड़ा अपने जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मों से होता है. व्यक्ति के कर्म ही उसे ऊँचा या नीचा बनाते हैं.
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2) अज्ञानता के कारण सभी लोग जाति और पंथ के चक्र में फंस गए हैं. अगर वह इस जातिवाद से बाहर नहीं निकला तो एक दिन जाति की यह बीमारी पूरी मानवता को निगल जाएगी.
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3) किसी की जाति नहीं पूछनी चाहिए क्योंकि सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं. यहां कोई जाति, बुरी जाति नहीं है.
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4) भले ही कोई हजारों वर्षों तक भगवान का नाम लेता रहे, लेकिन जब तक मन शुद्ध न हो, तब तक ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं है.
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5) जो मनुष्य केवल शारीरिक स्वच्छता और बाहरी सुंदरता पर ध्यान देता है और मन की पवित्रता पर ध्यान नहीं देता है, वह निश्चित रूप से नरक में जाएगा.
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6) जब तक क्षमता है, मनुष्य को ईमानदारी से कमाना और खाना चाहिए.
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7) केवल ऊँचे कुल में जन्म लेने से कोई ब्राह्मण नहीं हो जाता. असली ब्राह्मण वही है जो ब्रह्म (ब्रहात्मा) को जानता है.
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Precious words of Saint Ravidas Ji Maharaj
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1) A person becomes small or great not by his birth but by his deeds. It is the actions of a person that make him high or low.
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2) Due to ignorance, everyone is trapped in the cycle of caste and creed. If he does not come out of this casteism, then one day this disease of caste will swallow the entire humanity.
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3) One should not ask anyone's caste because all human beings are children of the same God. There is no caste or bad caste here.
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4) Even if one keeps chanting the name of God for thousands of years, it is not possible to attain God unless the mind is pure.
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5) A man who pays attention only to physical cleanliness and external beauty and does not pay attention to purity of mind will definitely go to hell.
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6) As long as one has the capacity, one should earn and eat honestly.
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7) One does not become a Brahmin merely by being born in a high caste. The real Brahmin is the one who knows Brahma (Brahmatma).
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