जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

बाबा जयगुरुदेव जी महाराज आरती संग्रह

1. आरती करूँ गुरुदेव की जिन भेद बतायो, चरण कमल की छाय मे जिन सुरत बिठायो
2. आरती करहुँ सन्त सतगुरु की, सतगुरु सतनाम दिनकर की
3. आरती जयगुरुदेव अनामी, कीन्ही कृपा दरश दियो स्वामी।।
4. करूँ वीनती दोऊ कर जोरी, अर्ज सुनो राधा स्वामी मोरी ।।
5. जयगुरुदेव आरती लाई। सतगुरु के सत्संग गंग में प्रथमई जाय नहाई।
6. जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव। मेरे मात पिता गुरुदेव, जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव।
7. तुम न आये गुरुजी, सुबह हो गई। मेरी पूजा की थाली सजी रह गई।।
8. विनय करुं मैं दोऊ कर जोरे, सतगुरु द्वार तुम्हारे।
9. हे सतगुरु स्वामी, मेरे तुम सतगुरु स्वामी। शरण तुम्हारी हूँ मैं, मूरख खल कामी।
10. हमारे प्यारे पाहुना जयगुरुदेव आये। द्वार द्वार पर चौक पुराये, मंगल कलश धराये।