जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

परम पूज्य परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज से प्रेमियों द्वारा पूछे गए सवाल और उनके जबाव

जब प्रेमी गुरु से नामदान लेता है तो शुरुआत में अनेक शंकाओं का समाधान होता है ! तब प्रेमी अपने गुरु से भौतिक और आध्यात्मिक जीवन की अनेक प्रश्न पूछता है। गुरु उसके हर प्रकार के प्रश्नों का उत्तर देते है।

परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने भी अपने भक्तो द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया। साधक को होने वाली सभी समस्याओं को समाधान भी बताया। परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज बड़े दयालु थे।

प्रेमियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का संकलन प्रस्तुत है। आप अन्य प्रेमियों को भी यह लिंक शेयर करे।

1. प्रश्न:- स्वामी जी ! सन्त- सतगुरु कौन होता है?
2. प्रश्न:- स्वामी जी ! गुरु की सेवा किस प्रकार करनी चाहिए ?
3. प्रश्न:- स्वामी जी ! यह जीवन सुफल कैसे होगा ?
4. प्रश्न:- स्वामी जी ! परमार्थ के रास्ते पर सही तरीके से चलने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
5. प्रश्न:- स्वामी जी ! शब्द-धुन क्या चीज है ?
6. प्रश्न:- स्वामी जी ! मौत के वक्त सत्तगुरु जीव की सभाल किस प्रकार करते हैं ?
7. प्रश्न:- गुरू जी ! नाम किसे कहते हैं ?
8. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन किसे कहते हैं...?
9. प्रश्न:- स्वामी जी ! सुमिरन दिन में कितनी बार करना चाहिए ?
10. प्रश्न:- स्वामी जी ! निरंजन भगवान कौन और क्या करते हैं ...?
11. प्रश्न:- स्वामी जी ! परमात्मा का स्वरूप क्या है...?
12. प्रश्न:- स्वामी जी ! शिव नेत्र किसे कहते हैं...?
13. प्रश्न:- स्वामी जी ! ध्यान पर जब बैठती हूँ तो थोड़ी देर बाद शरीर सुनन होने लगता है और लगता है क्या करूँ ?
14. प्रश्न:- स्वामी जी ! हमने नामदान लिया है अब हमारी रहनी कैसी होनी चाहिए ?
15. प्रश्न:- स्वामी जी ! मनुष्य शरीर दुर्लभ क्यों कहा गया है ?
16. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन के वक्त नींद बहुत आती है क्या करें ?
17. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन के लिए समय नहीं मिल पाता क्या करें ?
18. प्रश्न:- स्वामी जी ! ध्यान भजन के समय मन अवसर भाग है क्या करें?
19. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन में मुझे शब्द सुनाई नहीं देता, दया. कीजिए ?
20. प्रश्न:- स्वामी जी ! सत्संगी हो या गैर सत्संगी हो उसकी प्रेमभाव से मुफ्त दी हुई चीज स्वीकार करनी चाहिए या नहीं ?
21. प्रश्न:- स्वामी जी ! काल भगवान के दायरे में कौन-कौन से जीव आते हैं ?
22. प्रश्न:- स्वामी जी ! कभी-कभी मन खराब हो जाता है और सत्संग में रुखा फीका होने लगता है तो ऐसा क्यों होता है ?
23. प्रश्न:- स्वामी जी ! सुमिरन कब करना चाहिए ?
24. प्रश्न:-स्वामी जी ! भजन के वक्त अन्दर में घन्टे की आवाज नहीं सुनाई पड़ती दया कीजिए?
25. प्रश्न:- स्वामी जी ! मुझे चिन्ता बनी रहती है कि मेरा भजन नहीं बनता ?
26. प्रश्न:- स्वामी जी ! राम नाम या कृष्ण नाम का जाप करने से मुक्ति मिल जाएगी ?
27. प्रश्न :- स्वामी जी ! भजन में तरक्की नहीं होती क्या करें ?
28. प्रश्न:- स्वामी जी ! भाग्य कैसे बनाया जाता है?
29. प्रश्न:- स्वामी जी ! कुछ लोग अन्तर से आपका विरोध करते हैं पर जाहिर नहीं होने देते ऐसा क्यों ?
30. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन ध्यान में उन्नति नहीं होती क्या करें ?
31. प्रश्न:- हम पैदा क्यों हुए है? जीवन का मकसद क्या है?
32. प्रश्न:- स्वामी जी ! अगर कोई सत्संगी गलत रास्ते पर चला जाता है तो उसका क्या होगा ?
33. प्रश्न:- स्वामी जी ! परमार्थ के रास्ते पर चलने के लिए सत्संगी को क्या करना चाहिए ?
34. प्रश्न:- स्वामी जी ! मानव जीवन को अनमोल क्यों कहा गया है ?
35. प्रश्न:- स्वामी जी ! क्या अण्डा मान्साहारी भोजन है ?
36. प्रश्न:- स्वामी जी ! जो शाकाहारी नहीं हैं। और जिनके आचरण ठीक नहीं है ऐसे सगे सम्बन्धियों से कैसे बचाजा सकता है ?
37. प्रश्न:- स्वामी जी ! मौत कैसे होती है ?
38. प्रश्न:- स्वामी जी ! नामदान लेने के बाद सत्संगी की रहनी कैसी होनी चाहिए ?
39. प्रश्न:- स्वामी जी ! वासना के वेग को कैसे रोका जा सकता है ?
40. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन ध्यान के द्वारा आत्मा इस शरीर को खाली कब करती है?
41. प्रश्न:- स्वामी जी ! मन सदा गुमराह करता रहता है कैसे बचा जाय ?
42. प्रश्न:- स्वामी जी ! पहले मन भजन में लगता था और शब्द सुनाई भी पड़ता था किन्तु अब ऐसा नहीं होता । क्या कारण है ?
43. प्रश्न:- स्वामी जी ! तकलीफे क्यों आती हैं ?
44. प्रश्न:- स्वामी जी ! पारिवारिक कलह से बहुत दुःखी हूं क्या करू?
45. प्रश्न:- स्वामी जी ! आदत नहीं छूटती है क्या करें ? कैसे मेरा सुधार होगा..?
46. प्रश्न:- स्वामी जी ! चारो तरफ आशान्ति फैली हुई है क्या किया जाय ?
47. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन ध्यान स्नान कर के बाद करुं या इसके पहले भी कर सकती हूँ..?
48. प्रश्न:- स्वामी जी ! सतसंग के क्या नियम है कृपा करके बताइए ?
49. प्रश्न:- स्वामी जी ! मन वश में कैसे होगा ?
50. प्रश्न:- स्वामी जी ! गुरु की निन्दा सुनने से क्या पाप लगता है ?
51. प्रश्न:- स्वामी जी ! शिव नेत्र कैसे खुलेगा ?
52. प्रश्न:- स्वामी जी ! एक वक्त में क्या कई सन्त सतगुरु हो सकते हैं ?
53. प्रश्न:- स्वामी जी ! झिलमिल ज्योति क्या होती है ?
54. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन में जीवात्मा शरीर से कब अलग होती है ?
55. प्रश्न:- स्वामी जी ! मरने के वक्त आत्मा किस तरह शरीर से खिचती है ?
56. प्रश्न:- स्वामी जी ! ध्यान के समय आसमान में चमंकते तारे दिखाई देते हैं फिर गायब हो जाते हैं ऐसा क्यों...?
57. प्रश्न:- स्वामी जी ! मन कितने प्रकार का होता है ?
58. प्रश्न:- स्वामी जी ! शिव की पूजा करनी चाहिए या विष्णु भगवान की ? इनमें से कौन बड़ा है ?
59. प्रश्न:- स्वामी जी ! सन्त चमत्कार क्यों नहीं दिखाते ?
60. प्रश्न:- स्वामी जी ! ओतारी शक्तियां भूमण्डल पर क्यों आती हैं ?
61. प्रश्न:- स्वामी जी ! दुनियाँ कहती है कि मरने के बाद मुंक्ति मिलेगी तो क्या यह सच है ?
62. प्रश्न:- स्वामी जी ! गुरु के फोटो का ध्यान करना चाहिए अथवा नहीं..?
63. स्वामी जी ! ध्यान में कभी प्रकाश दिखाई देता है कभी नहीं और भजन में कभी शब्द' सुनाई देता है कभी सुनाई नहीं पड़ता..?
64. प्रश्न:- स्वामी जी ! मन मानता नहीं है नाचता रहता है क्या करूँ ?
65. प्रश्न:- स्वामी जी ! भूमि का क्या असर होता है..?
66. प्रश्न:- स्वामी जी ! मौत के वक्त क्या होता है ?
67. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन में तरक्की नहीं हौती क्या करें ?
68. प्रश्न:- स्वामी जी | सत्संगी के मन से प्रेम और भक्ति उड़ जाय तो उसका क्या होगा ?
69. प्रश्न:- स्वामी जी ! सत्संग के वचन सुनते हैं मगर यकीन नहीं आता क्या करें ?
70. प्रश्न:- स्वामी जी ! मैं नामदान लेना चाहता हूं । मुझे क्या करना होगा ?
71. प्रश्न:- स्वामी जी ! नामदान लेने के बाद भी मैंने गुनाह किया है जो क्षमा योग्य नहीं । क्या करें ?
72. प्रश्न:- स्वामी जी ! कर्म की ईश्वरीय विधान क्या है?
73. प्रश्न:- स्वामी जी ! क्या धार्मिक पुस्तकों के पढ़ने से हमें ज्ञान प्राप्त नहीं हों सकता ?
74. प्रश्न:- स्वामी जी ! नित्य अवतार किसे कहते हैं ?
75. प्रश्न:- स्वामी जी ! बड़ी अशान्ति है | दुनियां में आग लगी है कैसे बचा जाय ?
76. प्रश्न:- स्वामी जी ! मेरी कुछ ऐसी आदतें पड़ गई हैं जो कोशिश करने पर भी नहीं छूटती क्या करें ?
77. प्रश्न:- स्वामी जी ! परिवार में विचारों में भिन्नता होने के नाते माँ-बाप अलग रहने लगे क्या करें ?
78. प्रश्न:- स्वामी जी ! मैं डाक्टर हूँ । इलाज करते वक्त मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे भजन न प्रभावित हो ?
79. प्रश्न:- स्वामी जी ! मैं बहुत बीमार हूँ दया कर दीजिए..?
80. प्रश्न:- स्वामी जी ! लड़की की शादी की चिन्ता मुझे भजन करने नहीं देती क्या करूँ ?
81. प्रश्न:- स्वामी जी ! सन्तमत किसे कहते हैं ?
82. प्रश्न:- स्वामी जी ! मानव जीवन को अनमोल क्यों कहा गया है ?
83. प्रश्न:- स्वामी जी ! सुरत को चारों शरीरों में कौन से भोग उसे ऊपर जाने से रोकते हैं कृपा कर बताइए.?
84. प्रश्न:- स्वामी जी ! स्त्री के आकर्षण और प्रेस से कैसे बच्चा जा सकता है..?
85. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन में मन नहीं लगता क्या करें?
86. प्रश्न:- स्वामी जी ! ध्यान में कभी रचना, दैवी-देंवता, नदी, पहाड़ दिखाई देते हैं कभी बिल्कुल बन्द होकर अन्धेरा छा जाता है .?
87. प्रश्न:- स्वामी जी ! मन क्या चीज है और इसे वश में कैसे किया जा सकता है?
88. प्रश्न:- स्वामी जी ! “शब्द” किसे कहते हैं, “नाम! किसे कहते हैं जिसका जिक्र बार-बार सत्संग में आता है?
89. प्रश्न:- स्वामी जी ! स्त्री से प्रेम हो जाय तो मन को कैसे रोकना चाहिए?
90. प्रश्न:- स्वामी जी ! सुमिरन के वक्त आवाज को सुनना चाहिए या नहीं?
91. प्रश्न:- स्वामी जी ! गुरुमुख और सनसुख की वात जो आप बताते हैं उसका क्या मतलब है..?
92. प्रश्न:- स्वामी जी ! आत्मा की दिव्य दृष्टि खुले और परमात्मा का दर्शन हो इसके लिए इन्सान को क्या करना चाहिए?
93. प्रश्न:- स्वामी जी ! शराब और मांस का क्या गुण-अवगुण है?
94. प्रश्न:- स्वामी जी ! वैराग्य किसे कहते हैं?
95. प्रश्न:- स्वामी जी ! गुरु के फोटो की पूजा करनी चाहिए कि नहीं?
96. प्रश्न:- स्वामी जी ! कर्मों का सिद्धान्त क्या होता है?
97. प्रश्न:- स्वामी जी ! मेरी बाहरी पूछताछ सत्संग सुनकर खतम हो गई है। अब सुझे नामदान दे दीजिए जिससे आन्तरिक खोज सें लग जाऊं?
98. प्रश्न:- स्वामी जी ! आत्मा आससानों की सफर किस प्रकार कर सकती है?
99. प्रश्न:- स्वामी जी ! भजन सें धीमा विकास होने के कारण मुझे चिन्ता बनी रहती है क्या करे?
100. प्रश्न:- स्वामी जी ! बहुत परेशानी है घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है क्या करे?
101. प्रश्न:- स्वामी जी ! मुझे नामदान लिए पाँच साल हो गए। पहले कभी-कभी कुछ दिखाई सुनार्ड पड़ा परन्तु अब बन्द हो गया। क्या वो पहले स्वप्न था या आपकी कृपा जो अब नहीं हो रही है..?
102. प्रश्न:- स्वामी जी ! सांसारिक धन्घों से उलझने के कारण भजन में कम समय मिल पाता है क्या करें?
103. प्रश्न:- स्वामी जी ! मुझे नामदान लिए दो वर्ष हो गए किन्तु भजन में मन रुकता नहीं है क्या करू?
104. प्रश्न:- स्वामी जी ! मनुष्य शरीर को अनमोल क्यों कहा गया है?
105. प्रश्न:- स्वामी जी ! सुरत का जागरण किस प्रकार से होगा?
106. प्रश्न:- स्वामी जी ! भगवान राम बड़े हैं या कृष्ण भगवान बड़े हैं? मुझे किसकी आराधना करनी चाहिए?
107. प्रश्न:- स्वामी जी ! सत्संगी की दिनचर्या क्या होनी चाहिए?
108. प्रश्न:- स्वामी जी ! संगत में रहते हुए कभी-कभी अनेक समस्यायें खड़ी हो जाती हैं मैं क्या करूँ?
109. प्रश्न:- स्वामी जी ! नामदान किसे कहते हैं?
110. प्रश्न:- स्वामी जी ! नित्य अवतार किसे कहते हैं?
111. प्रश्न:- स्वामी जी ! भगवान कैसे मिलेगा?
112. प्रश्न:- स्वामी जी ! वासनायें मन को झकझोरती रहती हैं, भजन नहीं बनता क्या करें?
113. प्रश्न:- स्वामी जी ! सत्संगी की मौत के समय गुरू कैसे आत्मा की सम्हाल करते हैं?
114. प्रश्न:- स्वामी जी ! ध्यान व भजन के वक्त मन अक्सर भाग जाता है क्या करे?
115. प्रश्न:- स्वामी जी ! सत्य क्या है ?
116. प्रश्न:- स्वामी जी ! मांस खाने के लिए मनाही क्यों है?
117. प्रश्न:- गुरु के चरणो का कौन आशिक होगा ?
118. प्रश्न:- कौन गुरु के चरणों का आशिक नहीं होगा ?