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Mahatma is worshiped
इस दुनियां में कभी भी परमात्मा की पूजा नहीं हुई पूजा हुई उन महान आत्माओं की जो इस मनुष्य शरीर में आये । परमात्मा न तो कभी आया है और न कभी आएगा | उसकी भेजी हुई नुमाइन्दी शक्तियां इस पृथ्वी पर आती रहीं | उन्होंने अपना संदेश जन साधारण को सुनाया | उन्हीं के मन्दिर बने | उन्हीं के मस्जिद और गिरजाघर बन गये | उन्हीं _ महापुरुषों को आपने परमात्मा माना । भगवान माना, खुदा और गॉड कहा | वेदों, पुराणों और शास्त्रों में भी कहा है कि पूजा किसकी हो ? गुरु की ! सेवा गुरु की हो क्योंकि गुरु ही परमात्मा का ज्ञान देता है । पर आपने ग्रन्थों को ध्यान से पढ़ा कब ? आप तो केवल यह पढ़ते रहे कि एक हजार .सें दो हजार, लाख से दो लाख और करोड़ से दो करोड़ हो जाये । दुनियाँ का सामान कैसे आए कैसे लूटा मारा जाय । ध्यान तो आपका इन सबको पढ़ने में रहा | बीच बीच में रामायण और गीता को भी पढ़ लिया।
पुस्तकों का ज्ञान वही करा सकता है जिसने उसको पाया है । जिन महापुरुषों ने परमात्मा को पाया, उन्होंने यह ग्रन्थ और पुस्तकें बनाई । वही महापुरुष जिन्होंने परमात्मा को पाया है । आपको इन धार्मिक ग्रन्थों का सही अर्थ बता सकते है । |
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