जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
सारा बोझ हमारे सिर पर (Sara Bojh Hamare Sir Par Hai Kahani)

गर्मी के दिन थे । धूप तेज थी एक बैलगाड़ी सड़क पर चली जा रही थी | उस पर बोझ काफी लदा था । गाड़ी वाला अपने सिर पर छाया करके आराम से बैठा था । जब गाड़ी एक बाग के पास से गुजरी तो एक कुत्ता आ गया और गाड़ी के नीचे-नीचे चलने लगा | तेज धूप से उसकी बचत होने लगी । कुछ देर बाद कुत्ते ने मन में सोचा कि इस गाड़ी को मैं ही चला रहा हूँ और सारा बोझ मुझ पर ही है | सोचते-सोचते वह आगे बैलों के निकट पहुँच गया तो बैलों ने एक एक लात लगाई । कुत्ता छिटक कर दूर जा गिरा और चिल्लाने लगा । उसका भ्रम दूर हो चुका था जब उसने देखा कि गाड़ी तब भी अपनी गति से चली जा रही थी |

दुनिया के लोग सोचते हैं कि मैं सब कुछ करता हूँ, लेकिन कितने आये और कितने चले गये, कितने ही आयेंगे और कितने चले जायेंगे फिर भी दुनियां की गाड़ी चलती रहेगी इन्सान चला जाता है किन्तु गाड़ी नहीं रुकती |