जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

मेरे तन से प्राण निकले, गुरु सेवा करते-करते

Mere Tan Se Pran Nikle Guru Seva Karte Karte

मेरे तन से प्राण निकले, गुरु सेवा करते-करते ।

यह बात कह रही हूँ, स्वामी से डरते-डरते ।

कही मैं भी रह न जाऊँ, यहाँ हाथ मलते-मलते ।

माया हटा रही है, गुरु तेरे रास्ते से ।

परदा हटाओ स्वामी, दरशन के रास्ते से ।

कहीं मैं भी थक न जाऊँ, यहाँ राह चलते-चलते ।

दिया नाम धन खजाना, रखने का ज्ञान बख्सो ।

तीनों खड़े हैं दुश्मन, बचने का ज्ञान बख्सो ।

आ जाऊँ तेरे दर पे, यूँ ही राह चलते-चलते ।

मेरे तन से प्राण निकले, गुरु सेवा करते-करते ।