एक तुम्हीं आधार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
मिलो न जब तक तुम जीवन में,
शान्ति नहीं मिल सकती है मन में।
खोज फिरा संसार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
छा जाता है जब अँधियारा,
तब पावे प्रकाश की धारा।
आकर तेरे द्वार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
कैसा भी हो तारनहारा,
मिले न जब तक चरण सहारा।
हो न सकें भव पार, सतगुरु एक तुम्ही आधार।।
हे प्रभु तुम्हीं विविध रूपों से,
हमें बचाते भव कूपों से।
ऐसा परम् उदार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
हम आये हैं द्वार तुम्हारे,
सब दुःख दूर करो दुखहारे।
जयगुरुदेव दयाल सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
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