जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

चलो गुरु की शरणियां, जगवा से नाता तोड़ के

Chalo Guru Ki Sharniya Jagva Se Nata Tod Ke

चलो गुरु की शरणियां, जगवा से नाता तोड़ के ।।

इस दुनिया से एक दिन प्यारे, पड़ेगा सबको जाना ।

कौड़ी कौड़ी जमा किया सब, छोड़ के माल खजाना ।

एक दिन जाना पड़ेगा, माता पिता से नाता तोड़ के ।।

चलो गुरु की शरणियां...

पेट पकड़ कर माता रोए, बांह पकड़ कर भाई ।

पैर पकड़ कर छोड़त नाहीं, रो रो कहे लुगाई ।

सइंया मत जा अकेले, लाली चदरिया ओढ़ के ।।

चलो गुरु की शरणियां...

चार जने मिल कर के आए, करने लगे तैयारी ।

कोई हाथ कोई पैर पकड़ कर, दीन्हा हमें सँवारी ।

उठावे चार कहरवा, मुखवा से राम नाम बोल के ।।

चलो गुरु की शरणियां...

कोई धूप कोई चंदन लावे, कोई बेल की पाती ।

स्वारथ के सब इस दुनिया में, आगे कोई न संगाती ।

चिता पर हमको लिटावे, ऊपर से लकड़ियां जोड़ के ।।

चलो गुरु की शरणियां...

जो नहीं भजता गुरु नाम, नहीं गुरु शरण में आवे ।

काम बिगाड़े जग में अपना, घोर नरक में जावे ।

यहां से जाना पड़ेगा, अपना पराया छोड़ के ।।

चलो गुरु की शरणियां...