जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

मेरे दाता के दरबार में है, सब लोगो का खाता

mere daata ke darabaar mein hai, sab logo ka khaata

मेरे दाता के दरबार में है, सब लोगो का खाता।

जो कोई जैसी करनी करता, वैसा ही फल पाता।

क्या साधू क्या रंक गृहस्थी, क्या राजा क्या रानी।

प्रभू की पुस्तक में लिक्खी है, सबकी कर्म कहानी।।

अन्तर्यामी अन्दर बैठा, सबका हिसाब लगाता।।

मेरे दाता के दरबार में है, सब लोगो का खाता।

बड़े बड़े कानून हैं प्रभू के, बड़ी बड़ी मर्यादा।

किसी को कौड़ी कम नहीं मिलती, मिले न पाई ज्यादा।।

इसीलिए तो वह दुनियाँ का, जगतपति कहलाता।।

चले न उसके आगे रिश्वत, चले नहीं चालाकी।

उसकी लेन देन की बन्दे, रीति बड़ी है बाँकी।।

समझदार तो चुप रहता है,मूरख शोर मचाता।।

मेरे दाता के दरबार में है, सब लोगो का खाता।

उजली करनी करले बन्दे, करम न करियो काला।

लाख आँख से देख रहा है, तुझे देखने वाला।।

उसकी तेज नज़र से बन्दे, कोई नहीं बच पाता।।

मेरे दाता के दरबार में है, सब लोगो का खाता। ||