परम पूज्य परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने अपने आध्यात्मिक उत्तराधिकारी परम पूज्य परम संत बाबा उमाकान्त जी महाराज से सम्बन्धित यह विशेष बात कही थी कि शरीर में कोई तकलीफ बीमारी या परेशानी है तो इनसे दवा पूछ लिया करो, ठीक हो जायेगी।
पुरानों प्रेमियों की संभाल करने और नयों को नामदान देने के लिए बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने बाबा उमाकान्त जी महाराज के बारे में कहा
बाबा जयगुरुदेव जी महाराज इस धरती पर मौजूदा समय में देश विदेश में जगह-जगह पर इन बाबा उमाकान्त जी महाराज (Baba Umakant Ji Maharaj) को पत्र लिखकर भेजने लगे। लिखा कि “उमाकान्त तिवारी (Umakant Tiwari) को भेज रहा हूँ। यह हमारे संदेश को बताएंगे, समझ लेना मैं ही आ गया।”
बाबा जयगुरुदेव जी महाराज (Baba Jaigurudev Ji Maharaj) कितना विश्वास करते थे, उन्हीं के शब्दों से स्पष्ट होता है:-
10 मार्च 2012 होली के कार्यक्रम में सतसंग मंच से कहा कि “ये उमाकान्तं तिवारी (Umakant Tiwari) हैं। मेरी जो सेवा होगी इनको दे दोगे तो मुझे मिल जाएगी” (सिर पर हाथ घुमाते हुए बोले) “इनका दफ्तर चौबीसों घंटे खुला रहता है। मेरी छोटी बड़ी जो भी सेवा इनको दे दोगे मुझे मिल जाएगी।”
दिनांक 16 मई 2007 दिन बुधवार को बसीरतगंज, जिला उन्नाव के आश्रम पर सतसंग के दौरान आध्यात्मिक उत्तराधिकारी के रूप में घोषणा करते हुए वहाँ मौजूद संगत के सामने इनको खड़ा करके कह दिया “यह उमाकान्त तिवारी हैं, यह पुरानों की संभाल करेंगे और नए को नामदान देंगे।”
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